1.30.2010

प्रभुचीच गात आहे

प्रभुचीच गात आहे
मी सुद्धा महती
भोळीभाबडी आपण सर्व
प्रभुचेच सोबती
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लक्ष्मण शिर्के
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एक एक दिवस सरुन
म्रुत्यु जवळ आला
अरे तु मरण्याअगोदरच मेलास
हळुच कानात सांगुन गेला
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लक्ष्मण शिर्के
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क्षण तुझ्याबरोबर जगताना
उणीव कसलीच रहात नाही
प्रत्येक क्षणांचा आनंद मी
घेतल्याशिवाय पुढे पहात नाही
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लक्ष्मण शिर्के
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नाही मी मुलगा टपोरी
नाही मी साधाभोळा
मग कोण असेन बरे मी
अरे वेड्या तु आहेस खुळा
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लक्ष्मण शिर्के
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ती दिसली कि मी
सगळेच काही विसरतो
सरळ वाट असुन सुद्धा
पाय नेहमी घसरतो
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लक्ष्मण शिर्के

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