माझ्या कविता व चारोळ्या
1.11.2010
केविलवानी नज़र
गीत गातोय मीपन
घूमतोय आवाज़ दशदिशा
केविलवानी नज़र फिरते
आहे कुनाचीतरी वेडी आशा
___________
लक्ष्मण शिर्के
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment