सुखात आणि दुखात
डोळ्यात पाणी आहे
प्रत्येकाची इथे एक
वेगळी कहाणी आहे
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
पुर्व क्षितिजावरुन सुर्यराजा
जेव्हा घेवुन येतो गंध
आसमंतात दरवळतो तेव्हा
मंद धुंद सुगंध
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
प्रेमाचा सुगंध मजला
नेहमीच खात राहतो
भरभरुन प्रेमाचे घडे
सदासर्वदा मागत राहतो
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
एकांतातल्या क्षणांचा हल्ली
जास्त विचार करत नाही
पुन्हा न मिळणारया गोष्टींसाठी
सारखा सारखा झुरत नाही
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
आठवणी मनात जपताना
खंत खुप दाटुन येते
मला पुन्हा पुन्हा वेड्यासारखे
भुतकाळच्या भावविश्वात नेते
___________
लक्ष्मण शिर्के
No comments:
Post a Comment