नाही भावनांना दोष देत
पन मनाचा हळवेपणा जात नाही
या गुलाबी पसरलेल्या थंडीतही
दुनियेचा कानोसा घेत नाही
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
नवरा म्हणता म्हणता
झाला त्याचा नवरोबा
बायकोपुढे रोजच राहतो
आज काय करु म्हनुन उभा
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
शेतकर्यांचा देश म्हटले जातय आपणास
पन आज दिली जात नाही किंमत
कांदा आणि भाकरी हेच त्याच पक्वान्
पन आजसुद्धा तो का आहे असा मरत
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
दुखामागुन सुखाचा असा
दिवस नेहमीच येतो
भाव भावना असतातच कायम
काळ नेहमी वाया जातो
___________
लक्ष्मण शिर्के
--------------------------------------------
स्वप्न म्हणे केव्हा केव्हा
तंतोतंत खरी ठरतात
सुखाचा शोध घेणार्याच्या
नेहमीच ती मनी स्मरतात
___________
लक्ष्मण शिर्के
No comments:
Post a Comment